लिंग
लिंग शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है चिह्न या पहचान। हिन्दी व्याकरणानुसार जिसके द्वारा किसी संज्ञा शब्द की स्त्री या पुरुष जाति का बोध होता है, उसे लिंग कहते हैं।
अर्थात् लिंग संज्ञा का वह लक्षण है जो संज्ञा के पुरुषवाची या स्त्रीवाची होने का बोध कराता है।
लिंग की परिभाषा
'लिंग' का अर्थ होता है - चिह्न। चिह्न से तात्पर्य है - स्त्री चिह्न या पुरुष चिह्न। दूसरे शब्दों में जिस शब्द से पुरुष जाति का और स्त्री जाति का बोध हो, उसे लिंग कहते हैं। ‘लड़का' पुरुष जाति और लड़की स्त्री जाति की।
हिन्दी में सजीव के अलावा निर्जीव और भाव को भी पुरुष जाति अथवा स्त्री जाति में रखा गया है।
जैसे -
- पुरुष जाति - लड़का, मकान, प्यार
- स्त्री जाति - लड़की, इमारत, मुहब्बत
लिंग किसे कहते हैं? हिन्दी में कितने लिंग हैं?
उत्तर- संज्ञा के जिस रूप से व्यक्ति या वस्तु की नर या मादा जाति का बोध हो उसे व्याकरण में लिंग कहते हैं। हिन्दी में दो लिंग हैं- (i) स्त्रीलिंग (ii) पुल्लिग।
लिंग के भेद
अंग्रेजी में लिंग के चार भेद हैं, जबकि संस्कृत में तीन - स्त्रीलिंग, पुल्लिंग और नपुंसक, लेकिन हिन्दी में लिंग के दो ही भेद हैं-
- पुल्लिंग
- स्त्रीलिंग
1. पुल्लिंग
शब्द के जिस रूप से उसके पुरुष जाति के होने का या पुरुषत्व का बोध होता है, उसे पुल्लिंग कहते हैं।
जैसे -
- सजीव (प्राणिवाचक) - राम, लडका, घोडा, बैल, नाग आदि।
- निर्जीव (अप्राणिवाचक) - मकान, पत्र, नेत्र, पवन आदि।
- भाव (अप्राणिवाचक) - प्रेम, बुढ़ापा, लड़कपन, सुख, दु:ख आदि।
2. स्त्रीलिंग
शब्द के जिस रूप से उसके स्त्रीजाति के होने का या स्त्रीत्व का बोध होता है, उसे स्त्रीलिंग कहते हैं।
जैसे-
- सजीव (प्राणिवाचक) - सीता, लड़की, घोड़ी, गाय, नागिन आदि।
- निर्जीव (अप्राणिवाचक) - इमारत, चिट्ठी, आँख, ईख, हवा आदि।
- भाव (अप्राणिवाचक) - सच्चाई, ईमानदारी, बनावट, सजावट आदि।
लिंग की पहचान
लिंग निर्धारण की दृष्टि से संज्ञा शब्दों को दो भागों में बाँट सकते हैं। एक प्राणिवाचक संज्ञाएँ जो शारीरिक रूप से पुरुष जाति की या स्त्री जाति की होती हैं। दूसरी अप्राणिवाचक संज्ञाएँ, जिनका लिंग निर्धारण परम्परा के आधार पर ही होता है, उन्हें पुल्लिंग या स्त्रीलिंग मानने का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। फलतः निर्धारित नियमों में अपवाद पाये जाते हैं।
(i) प्राणिवाचक संज्ञाओं का लिंग निर्धारण
वैसे प्राणिवाचक संज्ञाओं के लिंग-निर्धारण में कोई कठिनाई नहीं होती, क्योंकि जो शब्द पुरुष या नर जाति का बोध कराते हैं, वे पुल्लिंग हैं तथा जो शब्द मादा या स्त्री जाति का बोध कराते हैं, वे स्त्रीलिंग होते हैं।
किन्तु प्राणिवाचक शब्दों में कुछ शब्द सदैव पुल्लिंग में ही प्रयुक्त होते हैं-
जैसे - गधा, चीता, भेड़िया, पक्षी, उल्लू, खटमल, केंचुआ, खरगोश, गीदड़, जिराफ़, मच्छर, मगरमच्छ, गैंडा, भालू, बिच्छू, बाज, कीड़ा आदि।
इसी प्रकार निम्न शब्द सदैव स्त्रीलिंग रूप में ही प्रयुक्त होते हैं-
जैसे - मक्खी, लोमड़ी, भेड़, कोयल, गिलहरी, मैना, बुलबुल, तितली, छिपकली, मछली, चील, बटेर, मकड़ी आदि।
अतः इनमें लिंग भेद करना आवश्यक हो तो उनके पूर्व 'नर' या 'मादा' शब्द पहले जोड़ा जाता है-
जैसे - मादा मगरमच्छ, नर मैना, मादा खरगोश, नर मछली आदि।
(ii) अप्राणिवाचक संज्ञाओं का लिंग निर्धारण
हिन्दी में अप्राणिवाचक संज्ञाओं के लिंग की पहचान परम्परागत प्रयोग से निम्न दो आधारों पर कर सकते हैं-
- (क) अर्थ की दृष्टि से पुल्लिंग शब्द
- (ख) शब्द रूप एवं बनावट की दृष्टि से
(क) अर्थ की दृष्टि से पुल्लिंग शब्द
अर्थ की दृष्टि से निम्नलिखित प्रकार के शब्द सदैव पुल्लिंग के हैं, इनमें जो अपवाद हैं, उन्हें भी दिया जा रहा है-
1. देशों के नाम - भारत, चीन, पाकिस्तान, जापान, अमेरिका, इंग्लैण्ड
अपवाद - श्रीलंका
2. पर्वतों के नाम - हिमालय, विंध्याचल, अरावली, कैलास, सतपुड़ा, आल्पस
3. समुद्रों के नाम - हिन्द महासागर, प्रशान्त महासागर, अन्ध महासागर, अरब सागर
4. ग्रहों के नाम - मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, सूर्य, चन्द्र, तारा, ध्रुव
अपवाद - पृथ्वी
5. वारों (दिनों) के नाम - सोमवार, मंगलवार, बुधवार, बृहस्पतिवार, शुक्रवार, शनिवार, रविवार
6. धातुओं के नाम - सोना, लोहा, पीतल, ताँबा, काँसा, राँगा
अपवाद - चाँदी
7. महीनों के नाम -
- भारतीय महीने-चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आसाढ़ अंग्रेजी
- महीने - मार्च, अप्रेल, जून, सितम्बर, अक्टूबर
- अपवाद-जनवरी, फरवरी, मई, जुलाई
8. रत्नों के नाम (मूल्यवान पत्थर) - हीरा, माणिक्य, मोती, पन्ना, नीलम, पुखराज, मूंगा
अपवाद - मणि, लाल
9. वृक्षों के नाम - आम, नीम, शीशम, पीपल, बरगद, अशोक, जामुन, केला, संतरा, अखरोट, बेर
अपवाद - इमली
10. अनाजों के नाम - गेहूँ, चावल, बाजरा, चना, जौ
अपवाद - मक्का , सरसों, अरहर, ज्वार, मटर, मूंग
11. द्रव्यपदार्थों के नाम - दूध, दही, पानी, घी, शरबत, तेल
अपवाद - चाय, लस्सी, छाछ, कॉफी, शराब
12. फलों के नाम - आम, केला, संतरा, तरबूज, अंगूर, सेब
अपवाद - लीची, जामुन, खूबानी
13. शरीर के अंगों के नाम - हाथ, पैर, अँगूठा, दाँत, मुख, बाल, कान
अपवाद - आँख, गर्दन, जीभ, अंगुली
14. वर्णमाला के वर्गों के नाम -
- स्वर - अ, आ, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ
- व्यंजनों में 'क' से 'ह' तक सभी 33 वर्ण
- अपवाद - इ, ई, ऋ
15. समयसूचक संज्ञाओं के नाम - दिन, सप्ताह, माह, वर्ष, पक्ष, घण्टा, मिनट, सैकण्ड
अपवाद - रात, सायं, संध्या, दुपहरी
16. दैनिक समाचार पत्रों के नाम - नवभारत टाइम्स, दैनिक हिन्दुस्तान, राष्ट्रदूत, राजस्थान पत्रिका, पंजाब केसरी
17. देवताओं के नाम - ब्रह्मा, विष्णु, महेश, इन्द्र, वरुण, यम
18. रेलगाड़ियों के नाम
19. भोज्य पदार्थों के नाम - हलुवा, पेड़ा, भात, लड्डू, समोसा, चाकलेट, पुआ, रायता
अपवाद - दाल, रोटी, पूरी, जलेबी, मिठाई, तरकारी, कुल्फी, कचौड़ी, सब्जी, बरफी
20. प्रायः मोटी, भद्दी, भारी, बेडोल वस्तुएँ - गट्ठर, रस्सा, लक्कड़, गड्ढा
(आ) स्त्रीलिंग शब्द - सदैव स्त्रीलिंग में प्रयुक्त होने वाली संज्ञाएँ
- भाषाओं के नाम - हिन्दी, अंग्रेजी, मराठी, उर्दू, रूसी, जापानी, तमिल
- लिपियों के नाम - देवनागरी, रोमन, ब्राह्मी, शारदा, फारसी
- बोलियों के नाम - अवधी, ब्रज, राजस्थानी, भोजपुरी, हरियाणवी
- नदियों के नाम - गंगा, यमुना, गोदावरी, ब्रह्मपुत्र, व्यास, चम्बल
- तिथियों के नाम - प्रथमा, द्वितीया, तृतीया, एकादशी, पूर्णिमा, अमावस्या
- नक्षत्रों के नाम - रोहिणी, भरणी, अश्विनी
- देवियों के नाम - दुर्गा, लक्ष्मी, उमा, सरस्वती, भवानी
- लताओं के नाम - मालती, तोरई
- झीलों के नाम - साँभर, डल
- आभूषणों के नाम - चूड़ी, अंगूठी, पायल, नथनी, करधनी, बिंदी
- पहनावे के वस्त्रों के नाम - कमीज, पेंट, धोती, साड़ी, चुनरी, चोली, टोपी, पगड़ी
- किराने की वस्तुओं के नाम - इलायची, हल्दी, मिर्च, हींग, सुपारी, चीनी
(ख) शब्द रूप एवं बनावट की दृष्टि से
(अ) पुल्लिंग शब्द
1. हिन्दी के वे तत्सम शब्द जिनके अन्त में ख, ज, त्र, त, न, वर्ण प्रयुक्त होता है।
जैसे -
- ख- सुख, दु:ख, मुख, नख
- ज- जलज, अनुज, सरोज, मलयज
- त्र- नेत्र, शस्त्र, पात्र, शास्त्र, चरित्र, अस्त्र, पत्र, मित्र, चित्र
- त- गीत, गणित, चरित
- न- दान, प्रश्न, स्वप्न, यत्न, तन, मन, धन, वन, भवन
2. अ, आ, आव, आवा, आपा, त्व, पन, एरा, आर, अनीय, य, खाना, वाला, दान आदि प्रत्ययों से बने शब्द।
- अ- कौशल, शैशव, क्रोध, वाद
- आ- झूला, घेरा, बोझा, जोड़ा, फेरा
- आव- बहाव, पड़ाव, घुमाव, चढ़ाव, चुनाव
- आवा- भुलावा, बहकावा, चढ़ावा, पहनावा
- आर- सुनार, लुहार
- आपा- बुढ़ापा, मोटापा
- त्व- मनुष्यत्व, गुरुत्व, कृतित्व, पशुत्व
- पन- बचपन, लड़कपन
- य- माधुर्य, सौन्दर्य, धैर्य, नैकट्य
- आन- मिलान, खानपान
- खाना- डाकखाना, सफाखाना, छापाखाना
- दान- फूलदान, कमलदान, इत्रदान
- वाला- दूधवाला, चायवाला
3. हिन्दी में द्वन्द्व समास वाले शब्द सदैव पुल्लिंग में होते हैं-माता-पिता, नर-नारी
(आ) स्त्रीलिंग शब्द
1. हिन्दी के वे तत्सम शब्द जिनके अन्त में अना, आ, इ, इमा, ता, नि, ई होता है
- अना- वंदना, सूचना, कल्पना, भावना, प्रेरणा
- आ- पूजा, कृपा, सेवा, क्षमा, शिक्षा
- इ- कृषि, रुचि, शशि, विधि
- इमा- गरिमा, महिमा, लघिमा, अणिमा
- ता- एकता, सुन्दरता, मधुरता, योग्यता
- ई- नदी, गली, टोपी, चिट्ठी
- सा- पिपासा, मीमांसा
- नि- हानि, ग्लानि, योनि
2. हिन्दी के तद्भव शब्द जिनके अन्त में 'ख' हो, जैसे- आँख, कोख, भूख, परख, साख
3. हिन्दी की भाववाचक संज्ञाएँ जिनके अन्त में आवट, आहट, आई, ता, नी प्रत्यय लगकर बनती हैं।
- आवट- मिलावट, सजावट, बनावट
- आहट- घबराहट, चिकनाहट, चिल्लाहट
- आई- लिखाई, पढ़ाई, लम्बाई, ऊँचाई
- ता- मित्रता, मनुष्यता
- आनी- नौकरानी, सेठानी
- नी- जाटनी, मोरनी, नटनी
- इमा- कालिमा, नीलिमा, लालिमा
4. अरबी फारसी के शब्द जिनके अन्त में आ, त, श, ह हो
- आ- दवा, सजा, हवा
- त- रिश्वत, अदालत, दौलत, इज्जत, कीमत, नफरत, मुलाकात
- श- तलाश, कोशिश, मालिश, नालिश
- ह- सुबह, जगह, राह
5. हिन्दी धातुओं में अन, अ प्रत्यय लगकर बनी संज्ञाएँ, जैसे-
- अन- जलन, रहन, लगन, उलझन, सूजन
- अ- छूट, लूट, पकड़, तड़प, छूट, पहुँच
विशेष
1. बनावट की दृष्टि से शब्द बिल्कुल एक से प्रतीत होने पर भी उनके लोक व्यवहार से ही उनके पुल्लिंग या स्त्रीलिंग होने का ज्ञान होता है।
पुल्लिंग शब्द | स्त्रीलिंग शब्द |
---|---|
आलू, पहलू | बालू, उर्दू |
निकास, पलास | मिठास, नस |
बाल, मैल | खाल, झील, संभाल |
गुलाब, हिसाब | शराब, किताब |
खेत, सूत, भात | छत, बात, रात, लात |
काठ, ओठ | सोंठ, गाँठ |
मधु, तालु, हेतु | आयु, वायु |
नमक | चेचक, नाक |
पहाड़, नीड़, पापड़ | भीड़,आड़, जड़ |
ब्याह, मुँह | राह, बाँह |
2. यद्यपि हिन्दी व्याकरण में लिंग दो प्रकार के ही होते हैं लेकिन कुछ पदवाची शब्द ऐसे हैं जिनमें लिंग परिवर्तन नहीं होता अर्थात् पद पर स्थित, व्यक्ति, पुरुष या स्त्री कोई भी हो।
जैसे-
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, डॉक्टर, प्रिंसीपल, मैनेजर, राजदूत, अध्यक्ष, जिलाधीश, गवर्नर, राज्यपाल, मुख्यमंत्री आदि।
3. प्राणियों के समूह का बोध कराने वाली संज्ञाएँ भी व्यवहार के अनुसार पुल्लिंग एवं स्त्रीलिंग में प्रयुक्त होती हैं,
जैसे-
- (i) पुल्लिंग में - दल, समूह, समाज, जत्था, झुंड, कुटुम्ब, परिवार
- (ii) स्त्रीलिंग में - भीड़, सेना, टोली, सरकार, सभा, समिति, संसद्, परिषद्
4. कृत् तथा तद्धित प्रत्ययों से बने विशेषण शब्द या कर्तृवाच्य शब्द स्त्रीलिंग या पुल्लिंग दोनों शब्दों के साथ अपरिवर्तित रहते हैं,
जैसे -
धार्मिक शब्द | धार्मिक संगठन | धार्मिक संस्था |
परिचित | परिचित पुरुष | परिचित महिला |
5. कुछ पुल्लिंग और स्त्रीलिंग शब्द क्रमशः 'बड़े' और 'छोटे' का भाव भी व्यक्त करते हैं,
जैसे-
- नाला - नाली
- लोटा - लुटिया
- पतीला - पतीली
- रस्सा - रस्सी
- झोंपड़ा - झोंपड़ी
6. किसी शब्दांत का 'आ' और 'ई' हमेशा क्रमशः पुल्लिंग और स्त्रीलिंग के सूचक नहीं होते, क्योंकि वे भिन्न वस्तुओं के वाचक होते हैं-
घड़ा - घड़ी
माला - माली
वचन पर आधारित लिंग-निर्णय
बहुबचन के दो रूप होते हैं - स्वाभाविक बहुवचन और अस्वाभाविक बहुवचन।
जैसे -
- स्वाभाविक बहुवचन - पैसे, कुएँ, मालाएँ, गाड़ियाँ आदि।
- अस्वाभाविक बहुवचन - पैसों, कुओं, मालाओं, गाड़ियों आदि।
लिंग निर्णय के समय आपको सिर्फ स्वाभाविक बहुवचन के रूप को ध्यान में रखना है। आप इस आधार पर पुल्लिग या स्त्रीलिंग शब्दों की पहचान कर सकते हैं। लेकिन हाँ, नीचे जितने नियम बताए जा रहे हैं वे सभी अप्राणिवाचक संज्ञाओं से सम्बन्धित हैं। अतः इन्हीं संज्ञाओं को इन नियमों पर परखें -
सूत्र द्वारा पुल्लिंग शब्दों की पहचान
(1) सूत्र :- (आ - ए) (आँ - एँ) पुल्लिंग
बहुवचन बनाने पर अप्राणिवाचक संज्ञाओं के आ-ए, और आँ-एँ में बदल जाएं तो वे संज्ञाएँ पुल्लिंग होंगी।
जैसे -
- एकवचन (पुल्लिंग) - कमरा, पहिया, रोआँ, कुआँ आदि।
- बहुवचन (पुल्लिंग) - कमरे, पहिये, रोएँ आदि।
ऐसी पुल्लिंग संज्ञाएँ हैं - मेला, केला, ठेला, ढेला, कपडा, खपडा, जाडा, तारा, जता, छाता, रास्ता, करता, अँगूठा, पराठा, खर्राटा, ताला, मसाला, आँवला, घोंसला, आईना, खजाना, ठिकाना, झरना, फंदा, बंदा, कंधा, तकिया, धनिया, कुँआ आदि।
(2) सूत्र :- (इ - ई) (अ - अ) = पुल्लिंग
कुछ द्रव्यवाचक, जातिवाचक या अप्राणिवाचक संज्ञाएँ जिनका रूप बहुवचन में नहीं बदलता, वे पुल्लिंग होती हैं। जैसे -
- एकवचन (पुल्लिंग) - जलधि, गिरि, दही, मोती, नख, संसार आदि।
- बहुवचन (पुल्लिंग) - जलधि, गिरि, दही, मोती, नख, संसार आदि।
ऐसी पुल्लिंग संज्ञाएँ है - पानी, जी, घी, जल, फल, छल, सुख, दु:ख, मुख, पद, वक्ष, लक्ष्य, भूषण, पोषण, हरण, आकार, विकार, उपहार, बहाव, उतराव, चढ़ाव, विनय, परिणाम, अनुनय, तारीख, सतीत्व, न्याय, अध्याय, अभिप्राय, पत्र, पात्र, चित्र आदि।
सूत्र द्वारा स्त्रीलिंग शब्दों की पहचान
(1) सूत्र :- (अँ - एँ) आएँ, इ/ई इयाँ पुल्लिंग, या-याँ (स्त्रीलिंग)
बहुवचन बनाने पर यदि अप्राणिवचन संज्ञाओं के आ का स. आएँ, इ या ई का इयाँ तथा या का-याँ हो जाए, तो वे स्त्रीलिंग होती हैं।
जैसे -
- एकवचन (स्त्रीलिंग) - बात, माला, तिथि, गाड़ी चुहिया आदि।
- बहुवचन (स्त्रीलिंग) - बातें, मालाएँ, तिथियाँ, गाड़ियाँ, चुहियाँ आदि।
ऐसी स्त्रीलिंग संज्ञाएँ हैं - मेज, सेज, जल, खाल, पूँछ, पूँछ, फसल, गजल, जान, खान, आफत, आदत, बंदूक, संदूक, घटना, सूचना, इच्छा, शिक्षण, हवा, लता, कविता, साड़ी, नारी, लड़ाई कचौड़ी, कठिनाई, रीति, नीति, डिबिया, गुड़िया आदि।
(2) सूत्र :- (आ - आ) स्त्रीलिंग
कुछ भाववाचक संज्ञाओं के आ का आ ही रह जाता है। उनका प्रायः बहुवचन नहीं होता है। ऐसी संज्ञाएँ स्त्रीलिंग होती हैं।
जैसे - आशा, निराशा, करुणा, कल्पना, याचना, घृणा, मित्रता, शत्रुता, एकता, अनेकता, दया, माया, छाया, लालिमा, कालिमा आदि।
हिन्दी में लिंग परिवर्तन के नियम
पुल्लिंग शब्द का स्त्रीलिंग शब्द रूप बनाना
पुल्लिग शब्दों को स्त्रीलिंग में बदलने के लिए कुछ प्रत्ययों का सहारा लोना पड़ता है। इन प्रत्ययों को स्त्रीलिंग प्रत्यय कहते हैं। ये निम्ननलिखित हैं-
आ, आइन, आनी, इका, इन, इया, ई, णी, नी, वती, मती, आदि।
उदाहरण
आ
कान्त - कान्ता, श्याम - श्यामा।
आइन
बनिया - बनियाइन, लाला - ललाइन।
आनी
देवर - देवरानी, मेहतर - मेहतरानी।
इन
चमार - चमाइन, धोबी - धोबिन।
इया
कुत्ता - कुतिया, चुहा - चुहिया, बंदर - बंदरिया
णी
अनुहारी - अनुहारिणी, अभिलाषी - अभिलाषिणी।
त्री
कर्ता - कर्ती, दाता - दात्री, नेता - नेत्री आदि।
वती
बलवान - बलवती, धनवान - धनवती आदि।
मती
बुद्धिमान - बुद्धिमती, श्रीमान् - श्रीमती आदि।
लेकिन कुछ जातिवाचक संज्ञाओं के स्त्रीलिंग रूप बिना प्रत्यय के बनाये जाते हैं।
जैसे-
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
---|---|
बाप | माँ |
पिता | माता |
नर | नारी |
मर्द | औरत |
ससुर | सास |
बैल | गाय |
भाई | बहन |
महाराजा | महारानी |
राजा | रानी |
पुरुष | स्त्री |
सम्राट | साम्राज्ञी |
वर | वधू |
1. अकारान्त शब्द को आकारान्त में बदलकर ('आ' प्रत्यय लगाकर)
- छात्र - छात्रा
- सुत - सुता
- अनुज - अनुजा
- भवदीय - भवदीया
- त्रिनयन - त्रिनयना
- सुलोचन - सुलोचना
2. अकारान्त शब्द के अन्त में 'ई' प्रत्यय लगाकर
- पुत्र - पुत्री
- देव - देवी
- दास - दासी
- ब्राह्मण - ब्राह्मणी
- कोमलांग - कोमलांगी
3. आकारान्त शब्द में 'ई' प्रत्यय लगाकर
- लड़का - लड़की
- घोड़ा - घोड़ी
- बकरा - बकरी
- दादा - दादी
4. आकारान्त शब्द में 'इया' प्रत्यय लगाकर
- बूढ़ा - बुढ़िया
- बेटा - बिटिया
- चूहा - चुहिया
- कुत्ता - कुतिया
- खाट - खटिया
- डिब्बा - डिबिया
5. 'अक' प्रत्यय के स्थान पर 'इका' प्रत्यय लगाकर
- बालक - बालिका
- गायक - गायिका
- लेखक - लेखिका
- पाठक - पाठिका
- शिक्षक - शिक्षिका
- याचक - याचिका
- अध्यापक - अध्यापिका
- सेवक - सेविका
6. शब्दांत में 'आनी' प्रत्यय लगाकर
- देवर - देवरानी
- सेठ - सेठानी
- नौकर - नौकरानी
- जेठ - जेठानी
7.शब्द में 'नी' प्रत्यय लगाकर
- ऊँट - ऊँटनी
- मोर - मोरनी
- जाट - जाटनी
- सिंह - सिंहनी
- भील - भीलनी
8. शब्दांत में 'इन' प्रत्यय लगाकर
- चमार - चमारिन
- धोबी - धोबिन
- माली - मालिन
- नाई - नायिन
- बाघ - बाघिन
- सुनार - सुनारिन
- नाती - नातिन
- साँप - साँपिन
- नाग - नागिन
9. 'आइन' प्रत्यय लगाकर
- ठाकुर - ठकुराइन
- मुंशी - मुंशियाइन
- चौधरी - चौधराइन
- पंडित - पंडिताइन
- हलवाई - हलवाइन
10. 'इनी' प्रत्यय लगाकर
- हाथी - हथिनी
- कमल - कमलिनी
- हंस - हंसिनी
- तपस्वी - तपस्विनी
- स्वामी - स्वामिनी
- योगी - योगिनी
11. 'वान' के स्थान पर 'वती' प्रत्यय लगाकर
- गुणवान - गुणवती
- भगवान - भाग्यवती
- भाग्यवान - भगवती
- रूपवान - रूपवती
12. 'मान्' के स्थान पर 'मती' प्रत्यय लगाकर
- श्रीमान् - श्रीमती
- बुद्धिमान् - बुद्धिमती
- आयुष्मान् - आयुष्मती
13. 'ता' शब्दांश वाले शब्दों में 'ता' के स्थान पर 'त्री' प्रत्यय लगाकर
- कर्ता - की
- नेता - नेत्री
- दाता - दात्री
- अभिनेता - अभिनेत्री
- विधाता - विधात्री
- रचयिता - रचयित्री
14. सदैव पुल्लिंग वाले प्राणिवाचक शब्दों के पूर्व 'मादा' लगाकर
- खरगोश - मादा खरगोश
- मगरमच्छ - मादा मगरमच्छ
- मच्छर - मादा मच्छर
15. बिल्कुल ही भिन्न रूप में परिवर्तित होने वाले
- कवि - कवयित्री
- दुल्हा - दुल्हन
- नर - मादा/नारी
- बैल - गाय
- पति - पत्नी
- पिता - माता
- पुरुष - महिला/स्त्री
- वर - वधू
- विद्वान - विदुषी
- विधुर - विधवा
- वीर - वीरांगना
- पुत्र - पुत्रवधू/पुत्री
- सम्राट-सम्राज्ञी
- राजा-रानी
- साधु-साध्वी
स्त्रीलिंग शब्द का पुल्लिंग रूप बनाना
1. सदैव स्त्रीलिंग में प्रयुक्त होने वाले प्राणिवाचक संज्ञाओं के पूर्व 'नर' लगाकर
- मक्खी-नर मक्खी
- मछली-नर मछली
- कोयल-नर कोयल
- गिलहरी-नर गिलहरी
मूलतः स्त्रीलिंग शब्दों के अन्त में पुल्लिंग वाची प्रत्यय लगाकर
- जीजी-जीजा
- बुआ-फूफा
- ननद-ननदोई
- बहन-बहनोई
- भैंस-भैंसा
- मौसी-मौसा
विशेष-
1. निम्न शब्द संस्कृत में पुल्लिंग होते हैं किन्तु हिन्दी में स्त्रीलिंग
आत्मा, महिमा, बूंद, देह, बाहू, अग्नि, जय, पराजय, विजय
2. निम्न शब्द संस्कृत में स्त्रीलिंग होते हैं किन्तु हिन्दी में पुल्लिंग
तारा, देवता, व्यक्ति
वाक्य-प्रयोग द्वारा लिंग-निर्णय
वाक्य प्रयोग द्वारा लिंग-निर्णय की चार विधियाँ हैं-
(1) क्रिया द्वारा
- गाय खाती है। (खाती - स्त्रीलिंग)
- बैल खाता है। (खाता - पुल्लिंग)
ध्यान दें :- 'खाती' क्रिया शब्द से गाय के स्त्रीलिंग एवं 'खाता' से बैल के पुल्लिंग होने का बोध होता है।
(2) विशेषण द्वारा
- गाय उजली है। (उजली - स्त्रीलिंग)
- बैल उजला है। (उजला - पुल्लिंग)
इसी प्रकार 'उजली' विशेषण शब्द से गाय के स्त्रीलिंग और 'उजला' से बैल के पुल्लिंग होने का बोध होता है।
(3) सर्वनाम द्वारा
- गाय मेरी है। (मेरी - स्त्रीलिंग)
- बैल मेरा है। (मेरा - पुल्लिंग)
यहाँ भी 'मेरी' सर्वनाम शब्द से गाय के स्त्रीलिंग एवं 'मेरा' से बैल के पुल्लिंग होने का बोध होता है।
(4) सम्बन्ध कारक की विभक्ति द्वारा
- मोहन की गाय कहाँ है। (की - स्त्रीलिंग)
- मोहन का बैल कहाँ है। (का - पुल्लिंग)
यहाँ 'की' विभक्ति-चिह्न से गाय के स्त्रीलिंग और 'का' से बैल के पुल्लिंग होने का बोध होता है।
नोट :-
लिंग-निर्णय में वाक्य छोटे एवं सरल रखें। ऐसा वाक्य न बनाएँ, जिससे लिंग स्पष्ट न हो। जैसे - यह एक गाय है। वह एक बैल है। मैं गाय को पसंद करती हूँ। बैल का रंग उजला है।
ये सभी वाक्य शुद्ध हैं, लेकिन लिंग-निर्णय की दृष्टि से सभी अनुपयुक्त हैं। इनसे स्त्रीलिंग या पुल्लिंग होने का स्पष्ट संकेत नहीं मिल पाता है। अतः लिंग-निर्णय की दृष्टि से कुछ और वाक्यों के उदाहरण दिये जा रहे हैं-
सामान्य शब्दों का लिंग-निर्णय
पुल्लिंग
- अगूंठा - उसका अगूंठा मोटा है।
- अकाल - अकाल पड़ गया।
- अंगूर - कुछ अंगूर खट्टे हैं।
- अक्षर - अक्षर पढ़ें।
- आईना - यह आईना पुराना है।
- इत्र - इत्र महँगा हो गया है।
- उत्तर - इसका उत्तर दो।
- औजार - औजार पुराना है।
- कब्ज - उसे कब्ज हो गया है।
- ग्रन्थ - यह पुराना ग्रन्थ है।
- गुस्सा - उसे गुस्सा आ गया।
- घोंसला - घोंसला गिर गया था।
- चमत्कार - चमत्कार हो गया।
- चिह्न - यह किसका चिह्न है।
- छिद्र - छिद्र बंद हो गया है।
- जवाब - आपका जवाब नहीं।
- झगड़ा - झगड़ा समाप्त हो गया।
- टैक्स - घर का टैक्स जमा करो।
- ढोल - सुनो ढोल बज रहा है।
- त्योहार - त्योहार समाप्त हो गया।
- थान - यह साड़ी का थान है।
- दरबार - दरबार लगा हुआ है।
- दही - दही खट्टा हो गया।
- दुपट्टा - यह दुपट्टा पुराना है।
- धनी - वह बात का धनी है।
- नयन - आपके नयन सुन्दर हैं।
- नींबू - नींबू खट्टा होता है।
- पदार्थ - यह कौन-सा पदार्थ है।
- प्राण - उसके प्राण निकल गये।
- पुरस्कार - मुझे पुरस्कार मिला।
- फर्श - फर्श टूट गया।
- बरतन - ये बरतन महँगे हैं।
- बुखार - मुझे बुखार हो गया है।
- यश - उसका यश फैल रहा है।
- रिवाज - यह रिवाज पुराना है।
- लेख - आपका लेख अच्छा लगा।
- शुल्क - इसका शुल्क माफ होगा।
- आँसू - आँसू निकल पड़े।
- ईधन - ईधन महँगा हो गया है।
- ओंठ - मेरे ओंठ खुले।
- कंगन - वह कंगन तुम्हारा है।
- कल्याण - आपका कल्याण हो।
- गीत - ये गीत पुराने हैं।
- घटाव - इसका घटाव सही है।
- चंदन- चंदन महक उठा।
- चाकू - उसका चाकू तेज है।
- चौक - यह चौक नया है।
- जख्म - मेरे जख्म भर गये।
- जूता - तुम्हारे जूते पुराने हैं।
- टापू - यह बड़ा टापू है।
- ढक्कन - ढक्कन खुल गया है।
- त्याग - आपका त्याग रंग लाया।
- थन - गाय का थन बड़ा है।
- दंड - उसे दंड दिया गया।
- दर्शन - उनके दर्शन हुए।
- दु:ख - उसका दु:ख समाप्त हुआ।
- धर्म - आपका क्या धर्म है।
- ध्यान - आपका ध्यान कहाँ है।
- न्याय - उसे न्याय मिला।
- पक्षी - पक्षी उड़ रहे हैं।
- परिचय - अपना परिचय दें।
- प्याज - प्याज बहुत सस्ता है।
- पौधा - पौधा बढ़ रहा है।
- फेन - यह साबुन का फेन है।
- बीज - यह धान का बीज है।
- भाग्य - आपका भाग्य अच्छा है।
- रंग - इसका रंग पक्का है।
- रूप - गीता का रूप मोहक है।
- लौंग - लौंग सस्ता है।
- शोक - पुत्र शोक जाता नहीं है।
- सिपाही - एक सिपाही आ रहा है।
- स्वप्न - मेरा स्वप्न साकार हो गया।
- हल्ला - बहुत हल्ला हो रहा है।
- होश - आपके होश उड़ गये।
- सौदा - माल का सौदा हो गया।
- स्वागत - आपका स्वागत है।
- होठ - उसके होठ खुले।
- हौसला - मेरा हौसला बड़ा है।
स्त्रीलिंग
- अंतड़ी - अँतड़ी सड़ गयी है।
- अभिलाषा -मेरी अभिलाषा पूर्ण हुई।
- आज्ञा - बड़ों की आज्ञा मानो।
- ईद - ईद कब होगी।
- एकता - हमारी एकता बनी रहेगी।
- ओखली - यह ओखली मेरी है।
- कीमत - इसकी कीमत कम है।
- खाई - यह गहरी खाई है।
- गंध - यह कैसी गंध है।
- गोद - माँ की गोद में सो जाओ।
- चाँदी - चाँदी सस्ती हो गयी।
- चीख – एक चीख सुनाई पड़ी।
- छत - छत कमजोर थी।
- जमीन - यह मेरी जमीन है।
- जेली - जेली बहुत मीठी है।
- टाँग - उसकी टाँग टूट गयी।
- ठंढ - ठंढ बढ़ गयी है।
- तलवार - मेरी तलवार नयी है।
- थाली - मेरी थाली पुरानी है।
- धातु - यह धातु महँगी है।
- नाभि - तुम्हारी नाभि में घाव है।
- प्रार्थना – ईश्वर की प्रार्थना करो।
- बंदूक - उसकी बंदूक बिक गयी।
- बाढ़ - बाढ़ आ गयी है।
- भीड़ - भीड़ बढ़ रही है।
- मखमल-मखमल मुलायम होती है।
- मृत्यु - उसकी मृत्यु सुखद है।
- लज्जा - तुम्हें लज्जा नहीं आयी?
- लागत - इसकी क्या लागत है।
- अक्ल -उनकी अक्ल मारी गयी है।
- आग - घर में आग लग गयी थी।
- आदत - व्यायाम की आदत डालो।
- ऊँगली - ऊँगली कट गयी।
- ऐनक - यह ऐनक पुरानी है।
- ओस - ओस गिर रही है।
- खाट - मेरी खाट टूट गयी है।
- खुजली - तुम्हें खुजली हो गयी है।
- गरदन - उसकी गरदन में दर्द है।
- घास - घास सूख गयी।
- चाल - उसकी चाल ठीक है।
- चेचक - उसे चेचक हो गई।
- जंग - जंग समाप्त हो गई।
- जान - उसकी जान बच गई।
- झील - यह गहरी झील है।
- टोकरी - मेरी टोकरी दे दो।
- ढोलक - ढोलक बज रही है।
- त्वचा - आपकी त्वचा कोमल है।
- दौलत - दौलत खत्म हो जाती है।
- नाक - इसकी नाक कट गयी।
- पायल - मेरी पायल पुरानी है।
- फुलवारी - मेरी फुलवारी देखो।
- बदबू - इससे बदबू आ रही है।
- बिजली - बिजली चली गयी।
- भौंह - आपकी भौंह मोटी है।
- मेहनत - आपकी मेहनत रंग लायी।
- रसीद - रसीद फट गयी थी।
- लता -पेड़ की लता को मत तोड़ो।
- लू - आज लू चल रही है।
- विजय - मेरी विजय होगी।
- संगति - बुरी संगति से दूर रहो।
- सड़क - सड़क चौड़ी हो गयी।
- सेना - भारत की सेना मजबूत है।
- हँसी - मुझे हँसी आ गयी थी।
- हाट - हाट लगी है।
- शर्म - तुम्हें शर्म नहीं आती।
- संतान - तुम मेरी संतान हो।
- सराय - सराय बंद हो चुकी है।
- सौंफ - सौंफ लाभदायक होती है।
- हड़ताल - हड़ताल खत्म हो गयी।
पुल्लिंग
- बहन-बहनोई : मेरे बहन-बहनोई अच्छे हैं।
- भाई-बहन : उसके भाई-बहन अब आ रहे हैं।
- सीता-राम : सीता-राम वन चले गये।
- चाल-चलन : उसके चाल-चलन बहुत अच्छे हैं।
- राजा-रानी : राजा-रानी अच्छे हैं।
- गाय-बैल : गाय-बैल बिक गये।
- अन्न-जल : मेरे अन्न-जल ग्रहण करें।
- घर-द्वार : घर-द्वार बाढ़ में बह गये।
- नाक-कान : उसके नाक-कान कट गये।
- कपड़ा-लत्ता : उसके कपड़े-लत्ते गंदे हैं।
स्त्रीलिंग
- दूध-रोटी : दूध-रोटी ठंढी हो गयी।
- चमक-दमक : जरा, उसकी चमक-दमक देखो।
- राजकन्या : राजकन्या आ रही है।
- राजसत्ता : राजसत्ता चली गयी।
- विधानसभा : विधानसभा भंग हो गयी।
- लोकसभा : लोकसभा अब दो दिनों तक चलेगी।
- धर्मशाला : यह धर्मशाला पुरानी है।
- राष्ट्रभाषा : हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी है।
- खेल-समिति : खेल-समिति अब भंग हो गयी।
अपवाद
(क)
दल (पुंल्लिग) - आपके दल का क्या नाम है?
दलदल (स्त्रीलिंग) - अरे ! यह कैसी दलदल है?
(ख)
देन (स्त्रीलिंग) - मेरी प्रगति आपकी देन है।
लेन-देन (पुंल्लिग) - आपका लेन-देन ठीक है।
प्रायः पुल्लिंग शब्दों में प्रत्यय लगाने से स्त्रीलिंग शब्द बनते है। अतः ऐसे शब्दों की एक सूची नीचे दी जा रही है।
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
---|---|
अंवष्ठ | अंवष्ठा |
अछूता | अछूती |
अनदेखा | अनदेखी |
अनभिज्ञ | अनभिज्ञा |
अनुज | अनुजा |
अन्वेषी | अन्वेषिणी |
अबल | अबला |
अग्रज | अग्रजा |
अध्यापक | अध्यापिका |
अनब्याहा | अनब्याही |
अनुचर | अनुचारी |
अन्नदाता | अन्नदात्री |
अपराधी | अपराधिन |
अभागा | अभागिनी |
अभिनेता | अभिनेत्री |
अभियुक्त | अभियुक्ता |
अलबेला | अलबेली |
अविवाहित | अविवाहिता |
आचारवान | आचारवती |
आज्ञाकारी | आज्ञाकारिणी |
आत्मज | आत्मजा |
आयुष्मान् | आयुष्मती |
आलोचक | आलोचिका |
ईश्वर | ईश्वरी |
उत्तरदाता | उत्तरदात्री |
उपकारक | उपकारिका |
उपाध्याय | उपाध्याया |
ऊँट | ऊँटनी |
एकहरा | एकहरी |
ओजस्वी | ओजस्विनी |
कुँजड़ा | कुँजड़ी |
कुँवर | कुँवरी |
कुक्कुर | कुक्कुरी |
कुम्हार | कुम्हारिन |
कुलक्षण | कुलक्षणा |
कुलवंत | कुलवंती |
कुविचारी | कुविचारिणी |
कोमल | कोमला |
कौरव | कौरवी |
क्षत्रिय | क्षत्राणी |
गँवार | गँवारिन |
गड़ेरिया | गड़ेरिन |
गलत | गलती |
गायक | गायिका |
गंदा | गंदी |
गुरु | गुरुआनी |
अभिमानी | अभिमानिनी |
अयोग्य | अयोग्या |
अवरोधक | अवरोधिका |
अहंकारी | अहंकारिणी |
आचार्य | आचार्या |
आज्ञापालक | आज्ञापालिका |
आदरणीय | आदरणीया |
आराधक | आराधिका |
इकलौता | इकलौती |
उतावला | उतावली |
उत्पादक | उत्पादिका |
उपयोगी | उपयोगिनी |
उपासक | उपासिका |
एकरूपी | एकरूपिणी |
ओछा | ओछी |
ओझा | ओझाइन |
कुंजर | कुंजरी |
कुँवारा | कुँवारी |
कुढंगा | कुढंगी |
कुरूप | कुरूपा |
कुलदेव | कुलदेवी |
कुलवान | कुलवती |
कोढ़ी | कोढ़िन |
कौआ | कौवी |
क्रोधी | क्रोधिनी |
खिलाड़ी | खिलाड़िन |
गठीला | गठीली |
गधा | गधी |
गाढ़ा | गाढ़ी |
गीला | गीली |
गुणवान | गुणवती |
गूंगा | गूँगी |
घातक | घातिका |
चांडाल | चांडालिन |
चटकीला | चटकीली |
चमार | चमारिन |
चिकना | चिकनी |
चुलबुला | चुलबली |
चौरंगा | चौरंगी |
छिछोरा | छिछोरी |
जादूगर | जादूगरनी |
जेठ | जेठानी |
ठंढा | ठंढी |
ठठेरा | ठठेरिन |
तपस्वी | तपस्विनी |
ताऊ | ताई |
तेली | तेलिन |
दंडनीय | दंडनीया |
दरिद्र | दरिद्रा |
दर्शनीय | दर्शनीया |
दादा | दादी |
दानी | दानिनी |
दिव्य | दिव्या |
दु:खदायक | दु:खदायिनी |
दुखियारा | दुखियारिन |
देव | दुबाइन |
दुलारा | दुलारी |
देव | देवी |
दोगला | दोगली |
नन्हा | नन्हीं |
नायक | नायिका |
निराला | निराली |
न्यारा | न्यारी |
पंडा | पंडाइन |
चंचल | चंचला |
चकवा | चकवी |
चमकीला | चमकीली |
चरित्रवान | चरित्रवती |
चुप्पा | चुप्पी |
चौबे | चौबाइन |
छिछला | छिछली |
जनाना | जनानी |
जूठा | जूठी |
टोकरा | टोकरी |
ठग | ठगिनी |
ठाकुर | ठकुराइन |
तांत्रिक | तांत्रिका |
तिमंजिला | तिमंजिली |
थोथा | थोथी |
दयावान | दयावती |
दर्जी | दर्जिन |
दलित | दलिता |
दानव | दानवी |
दास | दासी |
दीवाना | दीवानी |
दु:खी | दुःखिनी |
दुबला | दुबली |
दुमंजिला | दुमंजिली |
दुश्चरित्र | दुश्चरित्रा |
देवर | देवरानी |
धीमा | धीमी |
नाती | नातिन |
निकम्मा | निकम्मी |
नेता | नेत्री |
पंचम | पंचमी |
पंडुक | पंडुकी |
पत्नी | पति |
परदादा | परदादी |
परीक्षक | परीक्षिका |
पागल | पगली |
पिछला | पिछली |
पिशाच | पिशाची |
पुत्रवान | पुत्रवती |
पुरोहित | पुरोहितनी |
पूज्य | पूज्या |
प्यारा | प्यारी |
प्रदर्शक | प्रदर्शिका |
प्रहारक | प्रहारिका |
प्राणप्रिया | प्राणप्रिय |
प्रार्थी | प्रार्थिनी |
प्रियतम | प्रियतमा |
फकीर | फकीरन |
फुफेरा | फुफेरी |
बकरा | बकरी |
बनिया | बनियाइन |
बायाँ | बायीं |
वैरागी | वैरागिन |
ब्राह्मण | ब्राह्मणी |
भतीजा | भतीजी |
भाग्यवान | भाग्यवती |
भिखारी | भिखारिन |
मंत्री | मंत्रिणी |
मयूर | मयूरी |
महबूब | महबूबा |
महोदय | महोदया |
माननीय | माननीया |
माली | मालिन |
मुरगा | मुरगी |
पतित | पतिता |
पराया | पराई |
परेवा | परेई |
पापी | पापिनी |
पितामह | पितामही |
पुत्र | पुत्री |
पुत्रवान | पुत्रवती |
पूजित | पूजिता |
पौत्र | पौत्री |
प्रचारक | प्रचारिणी |
प्रपुत्र | प्रपुत्री |
प्राणनाथ | प्राणप्यारी |
प्राणेश्वर | प्राणेश्वरी |
प्रिय | प्रिया |
प्रौढ़ | प्रौढ़ा |
फतिंगा | फतिंगी |
फुर्तीला | फुर्तीली |
बछड़ा | बछड़ी |
बलवान | बलवती |
बिल्ला | बिल्ली |
ब्रह्मचारी | ब्रह्मचारिणी |
भगत | भगतिन |
भवदीय | भवदीया |
भिक्षु | भिक्षुणी |
भील | भीलनी |
मजदूर | मजदूरनी |
मल्लाह | मल्लाहिन |
महाराजा | महारानी |
मातामह | मातामही |
मालिक | मालकिन |
मीठा | मीठी |
मुसलमान | मुसलमानी |
लिंग-कोश
पुल्लिंग शब्द
स्वर
अंक, अंकगणित, अंकुर, अंग, अंगुल, अँगूठा, अंगूर, अंजाम, अंडा, अंत, अंतरिक्ष, अंदाज, अंधकार, अंधड़, अकाल, असत, असर, अखबार, अखरोट, अखाड़ा, अचार, अणु, अतिथि, अतीत, अत्याचार, अदरक, अधिकार, अध्ययन, अध्यापन, अनपच, अनर्थ, अनाज, अनादर, अनार, अनुमान, अनुवाद, अनुशासन, अनुसार, अन्त, अन्याय, अन्वेषण, अपमान, अपराध, अपवाद, अपहरण, अबरक, अबीर, अभाव, अभिनय, अभिमान, अभ्यास, अमर, अमरूद, अमृत, अम्ल, अर्थ, अवगुण, अवतार, अवसर, अशुभ, अस्त्र, आँगन, आँचल, आँख, आँवला, आँसू, आईना, आकलन, आकार, आकाश, आक्रोश, आग्नेयास्त्र, आग्रह, आघात, आचरण, आचार, आशा, आतंक, आदर, आदर्श, आदेश, आधार, ऑपरेशन, आभूषण, आम, आयात, आरंभ, आराम, आरोप, आलिंगन, आलू, आविष्कार, आवेदन, आशीर्वाद, आश्रय, आषाढ़, आसन, आसमान, आसरा, आहार, आह्लाद, आदान, इंच, इंजन, इंतकाल, इंतजाम, इतिहास, इत्र, इनकार, इनसान, इनाम, इम्तहान, इरादा, इशारा, इश्क, इस्पात, इसलाम, इस्तीफा, इस्तेमाल, ईधन, ईमान, उच्चारण, उजाला, उत्तर, उत्पात, उत्सव, उत्साह, उदय, उद्घाटन, उपयोग, उधार, उपचार, उपदेश, उपद्रव, उपन्यास, उपयोग, उपहार, उपाय, उबरना, उलटफेर, उल्लंघन, उल्लास, उल्लू, ऊख, ऊन, ऋग्वेद, ऋषभ, ऋषि, एकड़, एकवचन, एहसान, ऐब, ऐश, ओठ, ओज, ओल, ओला, औजार, औष, औसत।
'क' वर्ग
कंकड, कंगन, कंधा, कंठ, कंबल, कप्ट, कचनार, कण, कत्था, कथन, कदम, कद्दू, कपूर, कपड़ा, कफन, कब्ज, कमल, कमाल, करेला, कर्म, कलंक, कलश, कलेजा, कपट, कागज, काजल, काजू, काठ, कान, कानून, काम, कारखाना, कारण, कारतूस, कार्य, कार्यक्रम, किनारा, कीट, कीड़ा, कमंडल, कुन्दन, कुआँ, कुल, कुष्ठ, कूड़ा, केंचुआ, केन्द्र, केश, केसर, कैदी, कोट, कोड़ा, कोढ़, कोना, कोयला, कोल्हू, कोहिनूर, कौशल, क्रम, क्षण, क्षय, क्षार, क्षितिज, क्षेत्र, खंड, खंडहर, खजाना, खजूर, खटमल, खत, खतरा, खपड़ा, खरबूजा, खर्च, खग, खुलासा, खून, खेल, ख्याल, ख्वाब, गंगाजल, गजरा, गणित, गद्य, गन्ना, गर्जन, गर्म, गला, गान, गायन, गाल, गिलास, गीत, गुड़, गुण, गुब्बारा, गुलाम, गुस्सा, गूलर, गेहूँ, गोंद, गोदाम, गोबर, गोश्त, गौरव, ग्रह, ग्रहण, घटक, घटाव, घड़ियाल, घपला, घराना, घास, घाट, घाटा, घाव, घी, घुघरू, घुटना, घुन, चूँघट, घेरा, घोसला, घोटाला।
'च' वर्ग
चंगल. चंदन, चंदा. चंद्र चंद्रमा, चक्कर. चक्ष. चना. चंपत. चप्पल. चबतरा चमगादड़, चमड़ा, चम्मच, चयन, चरखा, चरित्र, चलचित्र, चश्मा, चाबुक, चाय, चावल, चिराग, चिह्न, चुबंक, चुबन, चुनाव, चूतड़, चूना, चूड़ा, चूल्हा, चेहरा, चोकर, छक्का, छछूदर, छज्जा, छत्ता, छर्रा, छल्ला, छिड़काव, छिद्र, छिलका, छींका, छींटा, छोर, जंगल, जंगला, जंतु, जाम, जबड़ा, जर्दा, जल, जलपान, जलसा, जलावन, जुलूस, जवान, जश्न, जहाज, जादू, जामुन, जाल, जिगर, जीरा, जीव, जीवन, जुआ, जुकाम, जुर्म, जुल्म, जूता, जूस, जेल, जोड़ा, जोर, जोश, जौ, जान, ज्वर, ज्वारभाटा, झंखाड़, झटका, झाग, झाडू, झींगा, झींगुर, झुंड, झुकाव, झुमका, झुरमुट, झूठ, झूमर, झूला, झोंका।
'ट' वर्ग
टका, टन, टमाटर, टाइप, टाइपराइटर, टापू, टावर, टिफिन, टीन, टेनिस, टेबुल, टेलिविजन, टैंक, टैक्स, टोप, ट्रंक, ठप्पा, ठाठ, ठीका, दूंठ, ठेका, ठौर, डंक, डंका, ढंग, डमरू, डर, डाका, डिब्बा, डेक, ड्रम, ड्रामा, ड्रेस, ढकोसला, ढक्कन, दर्रा, ढाँचा, ढाबा, ढोल।
'त' वर्ग
तंबू, तकिया, तख्त, तह, तत्त्व, तन, तना, तय, तबला, तबादला, तम्बाकू, तमाचा, तमाशा, तरबूज, तराजू, तरीका, तिरस्कार, तिल, तिलक, तिलकुट, तीर्थ, तूफान, तेजाब, तेल, त्रिभुज, त्रिशूल, थप्पड़, थर्मामीटर, थाक, थाना, थापा, थियेटर, थूक, थुथना, थोक, थोबड़ा, दंगा, दंड, दफ्तर, दबाव, दम, दमा, दर, दर्द, दरबारी, दरवाजा, दर्जन.. दर्पण, दर्शक, दलहन, दशम, दशमलव, दस्त, दस्ताना, दही, दहेज, दाँत, दाखिल, दान, दाना, दाम, दिमाग, दिवस, दीपक, दीया, दु:ख, देहात, दोष, द्रव, द्रव्य, द्वार, द्वीप, धंधा, धक्का, धतूरा, धन, धनिया, धनुष, धन्यवाद, धब्बा, धमाका, धर्म, धरातल, धान, धाम, धूमकेतु, धूम्रपान, धैर्य, धोखा, ध्यान, ध्वज, नकद, नक्शा, नखरा, नगर, नफा, नमक, नमस्कार, नमूना, नयन, नरक, नल, नवाब, नाश, नाखून, नरक, नाद, नारियल, निकाह, निबंध, निमंत्रण, नियम, निर्माण, निवास, निवेदन, निशान, नींबू, नीम, नृत्य, नेत्र, नोट, न्याय न्योता।
'प' वर्ग
पंख, पंडाल, पट, पड़ोस, पतन, पता, पत्थर, पत्र, पथ, पद, पदार्थ, पपीता, पर्दा, पराग, परिचय, परिवार, पर्व, परिश्रम, पाँव, पवन, पसीना, पाचन, पाजामा, पाठ, पान, पापड़, पारा, पार्क, पार्सल, पाँव, पिंजरा, पिल्लू, पीतल, पीपल, पुआ, पुरस्कार, पुल, पुलाव, पुष्प, पृष्ठ, पेट, पेट्रोल, पेडा, पेपर, पैर, पोस्टकार्ड, पौधा, प्याज, प्यार, प्रकाश, प्रचार, प्रण, प्रताप, प्रदर्शन, प्रमाण, प्रयत्न, प्रयास, प्रयोग, प्रवेश, प्रश्न, प्रसार, प्रस्ताव, प्रहार, प्रारंभ, प्रेम, प्रेस, प्लास्टर, प्लेग, प्लेट, फंदा, फगुआ, फन, फफोला, फरसा, फरेब, फर्ज, पर्श, फल, फागुन, फारक, फारम, फीता, फील्ड, फूल, फूलदान, फूस, फेन, फेफड़ा, फेल, फैशन, फैसला, फोटो, फ्रॉक, बँटबारा, बंदरगाह, बगीचा, बगुला, बचपन, बचाव, बटोही, बड़प्पन, बदन, बम, बचाव, बरगद, बराती, बलिदान, बहाव, बहुमत, बाँस, बाज, बाजरा, बाजा, बाजार, बादल, बादाम, बालू, बिंदु, बिछौना, बिस्कुट, बीज, बीमा, बुखार, बेर, बेल, बेलन, बोर्ड, भंडा, भंडार, भँवर, भजन, भत्ता, भय, भरोसा, भक्त, भस्म, भाग, भाड़ा, भात, भार, भुजिया, भुवन, भूकंप, भूत, भेद, भोज, भोर, भोजन, भोलापन, भौरा, भ्रम, भंडार, मंत्र, मंदिर, मकबरा, मकान, मक्खन, मजा, माथा, मार्ग, मास, मिस्त्री, मुँह, मुहाँसा, मुकुट, मुख, मुरब्बा, मुहावरा, मेला, मैच, मैदान, मोम, मौका।
अन्तःस्थ
यंत्र, यकीन, यक्ष्मा, यज्ञ, यत्न, यम, यश, याक, यात्री, युग, युद्ध, युद्धोपरान्त, योग, योगफल, योगी, यौगिक, यौवन, रंग, रक्षाबंधन, रथ, रेडियो, रेफ, रोंगटा, लंगूर, लंच, लंबोदर, लकवा, लगाव, लड्डू, लटटू, लतीफा, लवण, लहँगा, लहसुन, लाभ, लालच, लावारिस, लिंग, लिफाफा, लिवर, लीडर, लेख, लेखन, लेनदेन, लेप, लोभ, लोहिया, वंश, वकील, वक्त, वजन, वस्त्र, वाक्य, वाग, वातावरण, वाद्य, वायुमंडल, वाहन, विकास, विचार, विज्ञान, विमान, विवाद, विनाश, विवाह, विश्राम, विश्वास, विष, विषय, विसर्जन, वृक्ष, रोग, वेग, वेतन, व्यय, व्यवहार, व्याज, व्यापार, व्यायाम।
उष्म
शंख, शकरकंद, शत्रु, शब्द, शख्त, शरीर, शलजम, शाप, शास्त्र, शिकार, शिखर, शिलान्यास, शिष्टाचार, शीर्षक, शीशम, शीशा, शतुरमुर्ग, शुल्क,शृंगार, शेष, शोला, शौक, श्राद्ध, श्लोक, श्वेत, षट्चक्र, षडंग, संकेत, संकोच, संग, संगठन, संगीत, संग्रह. संतोष, संदेश, संदेह, सम्बन्ध, संवाद, सखुआ, सत्कार, सत्तू, सपना, सफर, सबक, सबूत, समर्थन, समाचार, समारोह, सम्मेलन, सरकार, सलाद, सवेरा, सहयोग, सहारा, सागर, साबुन, सारांश, सावन, साहस, सिंदूर, सिंध, सिक्का, सितार, सिनेमा, सिर, सींग, सीप, सुख, सुहाग, सूप, सेतु, सेब, सोफा, सौदर्य, स्कूल, स्टीमर, स्टेशन, स्थान, स्नान, स्मरण, स्वप्न, स्वर्ग, स्कूल, स्वास्थ्य, हंगामा, हकदार, हजम, हुजूम, हक, हंस, हड़कंप, हथियार, हमला, हर्ज, हर्ष, हल, हलवा, हल्ला, हवन, हवाईजहाज, हस्तकौशल, हलकापन, हंस।
स्त्रीलिंग शब्द
स्वर
अँगराई, अँगुली, अग्नि, अठन्नी, अदालत, अड़चन, अनबन, अनुमति, अपेक्षा, अपवाह, अफीम, अभिरुचि, अभिलाषा, अरहर, आलमारी, अवज्ञा, अवधि, अवस्था, अशर्फी, अष्टमी, असभ्यता, असलियत, अहिंसा, अस्थिरता, असुविधा, आँख, आँत, आँधी, आग, आजादी, आज्ञा, आतिशबाजी, आत्मा, आदत, आनबान, आपत्ति, आफत, आबादी, आय, आरजू, आरी, आलपिन, आवश्यकता, आवाज, आशा, आसानी, आहट आहुति, इंद्रा, इकन्नी, इकाई, इजाजत, इज्जत, इनसानियत, इमली, इमारत, इलायची, इस्तिरी, ईट, ईर्ष्या, उँगली, उठान, उतराई, उत्का, उपमा, उदासीनता, उधेड़बुन, उन्नति, उपज, उपमा, उपयोगिता, उपलब्धि, उपस्थिति, उपाधि, उम्मीद, उम्र, उल्का, उस्तादी, ऊँचाई, ऊष्मा, ऋक्, ऋचा, ऋजुता, ऋतु, एकता, एकन्नी, एकाग्रता, एड़ी, ऐंठ, ऐंठन, ऐनक, ऐय्याशी, ओखली, ओठ, ओढ़नी, ओर, औषधि, ओस, औलाद।
'क' वर्ग
कंघी ककड़ी, कचौड़ी, कटाई, कठिनाई, कठोरता, कड़ी, कढ़ी, कतार, कपास, कबड्डी, कब्जियत, कब्र, कमर, कमाई, कमीज, करतूत, करामात, कलम, कला, कलाई, कल्पना, कविता, किरण, कसम, कस्तूरी, कहानी, कहावत, काँख, काँच, काँटी, कॉपी, कविता, किशमिश, किश्ती, किस्मत, कील, कुदाल, कुल्फी, कुल्हाड़ी, कुशलता, कुँजी, कृपा, कैंची, कैद, कोठरी, कोशिश, क्यारी, क्रूरता, क्षमता, खटाई, खटिया, खड़ाऊँ, खोपड़ी, खबर, खराबी, खरीद, खरोंच, खलबली, खाँसी, खाई, खाज, खाट, खाद, खाल, खिचड़ी, खिड़की, खीर, खील, खुजली, खुदकुशी, खुश्क, खुशखबरी, खुशबू, खुशामद, खुशी, खूटी, खूबसूरती, खूबी, खेती, खोज, खोट, गंगा, गंजी, गंध, गंधक, गठिया, गंदा, गरमी, गरीबी, गलती, गली, गहराई, गाँठ, गाजर, गाली, गिन्नी, गिरफ्तारी, गुफा, गुमटी, गुलामी, गुल्ली, गूंज, गेंद, गोद, गोभी, घड़ी, घाटी, घास, घिन, घिरनी, घुघनी, घुड़दौड़, घुड़साल, घुसपैठ, चूंठी, घूस, घृणा, घोषणा।
'च' वर्ग
चटनी, चटाई, चट्टान, चढ़ाई, चतुरता, चपाती, चमक, चमेली, चरबी, चर्चा, चलती, चवन्नी, चाँदनी, चाँदी, चाट, चादर, चाबी, चाय, चाल, चालाकी, चासनी, चाह, चिंता, चिकनाई, चिकित्सा, चिट्ठी, चिड़िया, चिता, चिनगारी, चिमनी, चीज, चीनी, चुगली, चुटकी, चुनौती, चेचक, चोंच, चोरी, चौकी, छलिया, छड़, छड़ी, छतरी, छत, छपाई, छवि, छीट, छाँट, छाँह, छाती, छानबीन, छाप, छाया, छाल, छल्ला, छिपकली, छींक, छुआछूत, छुट्टी, छुरी, छाती, छानबीन, छाप, जंग, छेनी, छूट, जंजीर, जई, जगह, जरा, जड़ी, जनता, जनसंख्या, जवाब, जमानत, जमीन, जय, जलेबी, जल्दी, जवानी, जहर, जाँघ, जाजिम, जाति, जादूगरी, जान, जासूसी, जिंदगी, जिद, जिल्द, जीत, जीभ, जीवनी, जीविका, जुदाई, चूँ, जूठन, जूही, जोंक, जोड़ी, जोत, ज्यादती, ज्योति, ज्वार, ज्वाला, झंझट, झड़प, झड़ी, झमक, झमझम, झरझर, झरी, झलक, झलझल, झाँकी, झाड़ी, झालर, झिझक, झिड़की, झींसी, झील, झुग्गी, झोपड़ी, झोली।
'ट' वर्ग
टंकी, टकटकी, टक्कर, टट्टी, टन, टनख, टमटम, टहनी, टहल, टाँक, टाँग, टाँय टोकरी. टोपी. टोली. टोह. टाम. ठंढ ठंढक. ठकठक. ठगी. ठटरी. ठनठन ठमक, ठसक, ठाकुरबाड़ी, ठान, ठुमकी, ठुमरी, ठेपी, ठोकर, डंडी, डकैती, डगर, डफली, डलिया, डली, डाँट, डाक्टरी, डाल, डायरी, डाह, डिबिया. डींग, डीह डुबकी, डोर, डोरी, डोलची, डोली, ड्योढी, ढकनी, ढाल, ढिलाई, ढिबरी, ढील, ढेकी, ढोलक।
'त' वर्ग
तकदीर, तकली, तकलीफ, तबीयत, तमन्ना, तमीज, तरंग, तरकारी, तरकीब, तरक्की, तरफ, तारीफ, तलवार, तलाश, तलाशी, तसवीर, तह, ताँत, ताजगी, ताड़ी, तितली, तिथि, तिपाई, तिलौरी, तीली, तुला, तैयारी, तोंद, तोप, तोशक, तौलिया, त्रुटि, त्वचा, थकान, थाली, थाह, थैली, दंगा, दया, दयालुता, दरार, दरिद्रता, देरी, दवात, दशा, दहाड़, दीवार, दीवाली, दुकान, दुनिया, दुर्गध, दुर्घटना, दुर्दशा, दिनचर्या, दिल्लगी, दुर्बलता, दुविधा, दुश्मनी, दुष्टता, दूध, दूरबीन, दूरी, दृष्टि, दैवी, देन, देर, देह, दोपहर, दोस्ती, दौड़, दौलत, धड़कन, धमकी, धमनी, धरती, धाँधली, धाक, धारणा, धारा, धुंध, धुलाई, धूमधाम, धूर्तता, धूल, धोखेबाजी, धोती, धौंस, ध्वजा, ध्वनि, नकल, नक्काशी, नगीना, नग्नता, नजर, नत्थी, नथ, नपुंसकता, नफरत, नब्ज, नमाज, नमी, नरक, नरमी, नली, नवाबी, नस, नहर, नाद, नाक, नाडी, निद्रा, निमकी, नियुक्ति, निराशा, निर्धनता, निष्ठा, नींद, नीचता, नीति, नीयत, नोक, नौकरी, नौका।
'प' वर्ग
पंक्ति, पंचमी, पंचायत, पगड़ी, पट्टी, पढ़ाई, पतझड़, पतवार, पताका, पत्तल, पत्ती, पत्रिका, पन्नी, पपड़ी, परछाई, परत, परवाह, पराजय, परात. परीक्षा, परेड, परेशानी, पलक, पसली, पहचान, पहुँच, पहेली, पाजेब, पाठशाला, पाबंदी, पायल, पार्टी, पालकी, पॉलिश, पीढ़ी, पुकार, पुचकार, पुतली, पुलिस, पुस्तक, पूँछ, पूँजी, पूजा, प्रकृति, पेचिश, पेटी, पेसिल, पैदावार, पैरवी, पोशाक, पोस्ट, प्यास, प्रगति, प्रजा, प्रतिज्ञा, प्रतिमा, प्रतियोगिता, प्रतिष्ठा, प्रतीक्षा, प्रदर्शनी, प्रधानता, प्रशंसा, प्रश्नोत्तरी, प्रसन्नता, पहेली, प्राप्ति, प्रार्थना, फटकार, फसल, फफूंदी, फाँक, फाँसी, फ्रिक, फिटकरी, फीस, फुसी, फुनगी, फुफकार, फुरती, फुलझड़ी, फुलवारी, फुलौरी, फूस, फुहार, फॅक, फूट, फुलगोभी, फौज, बड़ी, बंदगोभी, बंदूक, बकबक, बगल, बचत, बड़ाई, बदहजमी, बधाई, बनावट, बरफी, बरवादी, बरसात, बर्फ, बवासीर, बस्ती, बहार, बहाली, बाँसुरी, बाँह, बाइबिल, बागवानी, बाजी, बाढ़, बात, बातचीत, बाधा, बारिश, बारी, बारूद, बिंदी, बिक्री, बिजली, बुद्धि, बुनाई, बुनावट, बुराई, बूंद, बूंदी, बेंच, बैठक, बोतल, बोलचाल, बोली, भक्ति, भगदड़, भनक, भरती, भरमार, भलाई, भाँग, भाप, भाषा, भिंडी, भिक्षा, भिड़त, भुजा, भूख, भूमि, भूमिका, भूल, भेंट, भेड़, भौंह, मंजिल, मंजूरी, मखमल, मशाल, मशीन, मस्ती, मदद, मदिरा, मधुरता, ममता, मरम्मत, मलमल, महक, महामारी, माँग, मात्रा, मारपीट, माला, मालिश, मिट्टी, मिठास, मिरगी, मूर्ति, मूली, मृत्यु, मेज, मेथी, मेंहदी, मेहनत, मैना, मैल, मोच,
अन्तःस्थ
यमुना, यात्रा, याद, यादगार, याददाश्त, युक्ति, योग्यता, योजना, रंजिश. रकम. रग. रगड़, रचना, रचाई, रस, रसीद, राई, राख, रात, राशि, राह, रिश्वत, रिहाई, रीढ़, रीति, रुकावट, रुचि, रूई, रूढ़ि, रूह, रेख, रेजगी, रेती, रेल, रेवड़ी, रोक, रोकथाम, रोशनी, रौनक, लंका, लंबाई, लक्ष्मी, लगन, लगाम, लज्जा, लड़ाई, लत, लता, लपट, ललकार, लहर, लाइट, लाइन, लात, लाट, लालटेन, लालसा, लालिमा, लिपि, लिखावट, लीची, लीद, लीला, लुंगी, लुगदी, लुटिया, लू, लूट, लई, लेखनी, लोटपोट, लोमड़ी, लौ, वंदना, वकालत, वर्षा, वस्तु, वागी, वायु, विजय, विदाई, विद्या, विद्युत, विनती, विनय, विपत्ति, विभक्ति, विशेषता, वीणा, वीरता।
उष्म
शंका, शक्कर, शक्ति, शतरंज, शताब्दी, शरण, शराफत, शराब, शर्ट, शर्त, शहनाई, शांति, शाखा, शादी, शपथ, शाम, शिकायत, शिक्षा, शीघ्रता, शीशी, शोभा, श्रद्धा, श्रेणी, श्रेष्ठता, षष्ठी, षोडश, षोडशी, संख्या, संज्ञा, संधि, संपत्ति, संसद, सच्चाई, सजावट, सड़क, सफलता, सफाई, सफेदी, सब्जी, सभा, समस्या, समाधि, समानता।
लिंग से सम्बन्धित महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर
'मगरमच्छ' का स्त्रीलिंग है
- मगरमच्छी
- मगरमच्छा
- मादा मगरमच्छ
- मगरमच्छानी
मादा मगरमच्छ
निम्नलिखित में से किस शब्द का एक पर्याय पुल्लिंग है और एक स्त्रीलिंग है?
- गाय
- ग्रंथ
- शेर
- अर्क
ग्रंथ
'देवर' का स्त्रीलिंग है
- देवरी
- देवरिन
- देवराइन
- देवरानी
देवरानी
'सूर्य' शब्द का स्त्रीलिंग क्या होगा?
- सूर्याणी
- सूर्या
- सूर्यायी
- सूर्यो
सूर्या
निम्नांकित में से पुल्लिंग शब्द कौनसा है?
- मजा
- सजा
- कजा
- रजा
मजा
निम्नांकित में कौनसा शब्द स्त्रीलिंग नहीं है?
- पानी
- नानी
- कहानी
- रानी
पानी
'विद्वान' शब्द का स्त्रीलिंग क्या होगा?
- विदुषी
- विद्यामती
- विद्वंती
- विद्यावंती
विदुषी
'ठठेरा' शब्द का लिंग परिवर्तित कीजिए।
- ठठेरिन
- ठठेरिनी
- ठठेरी
- ठठारी
ठठेरिन
'सम्राट' शब्द का स्त्रीलिंग रूप है
- सम्राट
- सम्राटी
- सम्राटिन
- सम्राज्ञी
सम्राज्ञी
'अध्यापक' का स्त्रीलिंग बताए
- अध्यापिकायें
- अध्यापिका
- अध्यापिकों
- इनमें कोई नहीं
अध्यापिका
'पंडित' का स्त्रीलिंग बताए
- पंडितानी
- पाडितानी
- पंडिताइन
- पंडिता
पंडिताइन
'विधवा' शब्द का पुल्लिंग रूप हैं
- विदुष
- विधुर
- विदुषी
- विद्वान
विधुर
'कवि' का स्त्रीलिंग है
- कवित्री
- कवियित्री
- कवित्रि
- कवयित्री
कवयित्री
'अभिनेता' का स्त्रीलिंग है
- अभिनेती
- अभिनेत्री
- अभिनीता
- अभनैती
अभिनेत्री
निम्नलिखित में पुल्लिंग शब्द कौन-सा है?
- नदी
- पानी
- इलायची
- प्यास
पानी
'धनवान' का स्त्रीलिंग रूप है
- धनवानी
- धनवनी
- धनवती
- धनवति
धनवती
‘तपस्वी' शब्द का स्त्रीलिंग रूप है
- तपस्विन
- तपस्विनी
- तपस्वि
- तपस्विनि
तपस्विनी
महान का स्त्रीलिंग है
- महानती
- महती
- महत्री
- महानी
महती
'बादशाह' शब्द का स्त्रीलिंग रूप है
- बेगम
- बादशाही
- बादशाहिन
- बादशाहीन
बेगम
निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द पुल्लिंग नहीं है?
- गाय
- ग्रंथ
- शेर
- अर्क
गाय
'कवि' शब्द का सही स्त्रीलिंग रूप है
- कवित्री
- कवयत्री
- कवयित्री
- कवियत्री
कवयित्री
'प्रियतम' शब्द का स्त्रीलिंग रूप होगा
- प्यारी
- प्रेमिका
- प्रियतमा
- प्रिया
प्रियतमा
निम्न में से स्त्रीलिंग शब्द का चयन कीजिए
- नृत्य
- धर्म
- कुटिया
- दीपक
कुटिया
निम्नलिखित में से पुल्लिंग शब्द कौनसा है
- देह
- आचरण
- अक्ल
- अदालत
आचरण
निम्नलिखित में से स्त्रीलिंग शब्द का चयन कीजिए
- स्थापना
- स्वदेश
- अध्याय
- अपराध
स्थापना
कौनसा शब्द पुल्लिंग है?
- मंजिल
- भरमार
- मर्यादा
- पुलिन्दा
पुलिन्दा
कौनसा शब्द स्त्रीलिंग है?
- सहारा
- सूचीपत्र
- सियार
- परिषद्
परिषद्
'ठाकुर' शब्द का स्त्रीलिंग रूप होगा
- ठाकुरनी
- ठकुराइन
- ठाकुराइन
- ठाकुरानी
ठकुराइन
'नेत्री' शब्द का पुल्लिंग रूप है
- नेता
- नेत
- नेतिन
- नेताइन
नेता
निम्न में से किस शब्द का स्त्रीलिंग रूप सही नहीं है
- गायक-गायिका
- चमार-चमारिन
- मोर-मोरनी
- सिंह-सिंहिनी
सिंह-सिंहिनी
निम्न में से किस शब्द का स्त्रीलिंग रूप सही नहीं है
- हंस-हंसिनी
- सुलोचना-सुलोचनी
- सेठ-सेठानी
- चौधरी-चौधराइन
सुलोचना-सुलोचनी
'सीता दही खाती है।' रेखांकित शब्द का लिंग है
- पुल्लिंग
- स्त्रीलिंग
- नपुंसकलिंग
- कोई नहीं
पुल्लिंग
निम्नलिखित में से कौनसा शब्द पुल्लिंग है
- कपट
- सुन्दरता
- मूर्खता
- निद्रा
कपट
निम्नलिखित में से कौनसे स्त्रीलिंग शब्द की वर्तनी अशुद्ध है
- मुंशियाइन
- कुत्तिया
- हथिनी
- सुलोचना
कुत्तिया
निम्न में से किस शब्द का विभक्ति रहित पुल्लिंग बहुवचन 'आकारान्त' के स्थान पर 'एकारान्त हो जायेगा
- राजा
- रुपया
- योद्धा
- चाचा
रुपया
'अध्यापक' का स्त्रीलिंग शब्द होता है, 'अध्यापिका' लिंग परिवर्तन हेतु किस नियम का पालन किया गया है
- 'आ' प्रत्यय लगाकर
- 'इका' प्रत्यय लगाकर
- 'अक' के स्थान पर 'इका' प्रत्यय लगाकर
- इनमें से कोई नहीं
'अक' के स्थान पर 'इका' प्रत्यय लगाकर
निम्न में से कौनसा प्राणिवाचक शब्द सदैव पुल्लिंग में ही प्रयुक्त नहीं होता है
- चीता
- भेड़
- खरगोश
- मच्छर
भेड़
किस क्रमांक के सभी शब्द सदैव स्त्रीलिंग में ही प्रयुक्त होते है
- कोयल, मछली, खटमल
- चील, मैना, छिपकली
- गिलहरी, पक्षी, मक्खी
- बटेर, लोमड़ी, गीदड़
चील, मैना, छिपकली
किस शब्द का लिंग परिवर्तन सही नहीं है?
- शेर-शेरनी
- मछली-नर मछली
- मच्छर-मादा मच्छर
- हंस-मादा हंस
हंस-मादा हंस
निम्न में से कौन से नाम सदैव पुल्लिंग नहीं होते, अपवाद होते हैं
- पर्वतों के नाम
- समुद्रों के नाम
- वारों के नाम
- देशों के नाम
देशों के नाम
निम्न में से कौनसे नाम सदैव स्त्रीलिंग नहीं होते
- नदियों के नाम
- तिथियों के नाम
- रेलगाड़ियों के नाम
- लताओं के नाम
रेलगाड़ियों के नाम
निम्न में से किन शब्दों में लिंग परिवर्तन नहीं होता
- पदवाची शब्द
- अकारान्त शब्द
- अप्राणिवाचक शब्द
- प्राणिवाचक शब्द
पदवाची शब्द
निम्न में से कौनसा स्त्रीलिंग रूप सही नहीं है
- भगवती
- मालिनी
- बुद्धिमती
- विदुषी
मालिनी
किस समूह के शब्द संस्कृत में पुल्लिंग होते हैं, किन्तु हिन्दी में स्त्रीलिंग
- तारा, देवता, व्यक्ति
- आत्मा, अग्नि, देह
- जय, गीत, वंदना
- आंख, पत्र, गणित
आत्मा, अग्नि, देह
FAQ :
लिंग किसे कहते हैं? इसके भेद बताइए।
उत्तर- व्याकरण में पुरुष या स्त्री जाति का बोध कराने वाले शब्द को लिंग कहते हैं। हिन्दी व्याकरण में इसके दो भेद होते हैं- (1) पुल्लिंग तथा (2) स्त्रीलिंग।"
लिंग के कितने भेद होते हैं?",
हिन्दी में दो लिंग होते हैं (पुल्लिंग तथा स्त्रीलिंग) संस्कृत में तीन लिंग होते हैं- पुल्लिंग, स्त्रीलिंग तथा नपुंसक लिंग।"
'नेता' शब्द का सही स्त्रीलिंग रूप लिखिए।
उत्तर- 'नेता' शब्द का सही स्त्रीलिंग रूप 'नेत्री' है।"
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